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परिचय: लोन लेना अब और आसान
क्या आपने कभी सोचा कि लोन लेने के लिए आपका CIBIL score कितना महत्वपूर्ण है? अब तक, बैंक और वित्तीय संस्थान लोन देने से पहले आपका क्रेडिट स्कोर (CIBIL score) चेक करते थे, और अगर स्कोर कम होता था, तो लोन मिलना मुश्किल हो जाता था। लेकिन अब सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है: CIBIL score अब लोन के लिए अनिवार्य नहीं होगा! यह खबर उन लोगों के लिए राहत की सैर है जो घर, गाड़ी, या पर्सनल लोन लेना चाहते हैं, लेकिन उनका क्रेडिट स्कोर कम है या बिल्कुल नहीं है। इस लेख में, हम इस नए नियम को विस्तार से समझेंगे, इसके फायदे और सीमाओं को जानेंगे, और यह भी देखेंगे कि यह आपके लिए कैसे मददगार हो सकता है।
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सिबिल स्कोर क्या है और यह इतना महत्वपूर्ण क्यों था?
सिबिल स्कोर (CIBIL score) एक तीन अंकों की संख्या है, जो 300 से 900 के बीच होती है। यह आपकी वित्तीय सेहत का एक नक्शा है, जो बताता है कि आपने पहले लिए गए लोन या क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर किया है या नहीं। जितना स्कोर 900 के करीब होता है, लोन मिलने की संभावना उतनी ही ज्यादा होती थी।
- 300-600: कम स्कोर, लोन मिलना मुश्किल।
- 681-730: औसत स्कोर, लेकिन लोन की शर्तें सख्त हो सकती हैं।
- 731-770: अच्छा स्कोर, लोन मिलने की संभावना बढ़ती है।
- 771-900: बेहतरीन स्कोर, कम ब्याज दर और आसान अप्रूवल।
पहले, अगर आपका स्कोर 600 से कम होता था, तो बैंक लोन देने से मना कर देते थे। लेकिन अब सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस नियम को लचीला कर दिया है।
मेरा अनुभव:
मैंने अपने एक दोस्त को देखा, जो एक छोटे से शहर में रहता है। उसने पर्सनल लोन के लिए अप्लाई किया था, लेकिन उसका CIBIL स्कोर कम था क्योंकि उसने पहले कभी लोन नहीं लिया था। बैंक ने उसका आवेदन खारिज कर दिया। लेकिन अब नए नियमों के तहत, ऐसे लोगों को भी मौका मिलेगा।
सरकार का नया नियम: सिबिल स्कोर की अनिवार्यता खत्म
लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ किया कि RBI ने कभी भी न्यूनतम सिबिल स्कोर की शर्त तय नहीं की थी। इसका मतलब है कि अगर कोई पहली बार लोन ले रहा है और उसका सिबिल स्कोर नहीं है, तो बैंक केवल इस आधार पर आवेदन खारिज नहीं कर सकते। यह नियम होम लोन, कार लोन, टू-व्हीलर लोन, और पर्सनल लोन जैसे सभी प्रकार के लोन पर लागू होगा।
इसका क्या मतलब है?
- पहली बार लोन लेने वालों के लिए: अगर आपने पहले कभी लोन नहीं लिया और आपका क्रेडिट स्कोर नहीं है, तो अब बैंक आपको लोन देने से मना नहीं कर सकते।
- कम स्कोर वालों के लिए: जिनका स्कोर 600 से कम है, उनके लिए भी लोन के दरवाजे खुले हैं।
- बैंकों की जिम्मेदारी: बैंक अब अन्य तरीकों से आपकी वित्तीय विश्वसनीयता (financial credibility) की जांच करेंगे, जैसे आय, पिछले लोन का रिकॉर्ड, या EMI भुगतान की आदत।
सिबिल स्कोर की जगह अब क्या?
भले ही सिबिल स्कोर अब अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोन लेना 100% गारंटीशुदा हो गया है। बैंकों को अब भी सावधानी बरतनी होगी। वे निम्नलिखित चीजों की जांच करेंगे:
- आय का स्रोत: आपकी मासिक आय और नौकरी की स्थिरता।
- पिछला लोन रिकॉर्ड: अगर आपने पहले लोन लिया है, तो उसका भुगतान समय पर किया या नहीं।
- लोन सेटलमेंट या रिस्ट्रक्चरिंग: अगर आपने पहले लोन सेटल किया या EMI में देरी की, तो यह जांच का हिस्सा होगा।
उदाहरण:
मेरे एक रिश्तेदार ने हाल ही में Bajaj Finserv से पर्सनल लोन लिया। उनका सिबिल स्कोर केवल 650 था, जो औसत से कम माना जाता है। लेकिन उनकी नियमित आय और पिछले लोन का अच्छा रिकॉर्ड होने की वजह से लोन आसानी से मिल गया। यह दिखाता है कि सिबिल स्कोर के अलावा अन्य फैक्टर्स भी अब महत्वपूर्ण होंगे।
सिबिल और अन्य क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां
सिबिल (CIBIL) का पूरा नाम क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड है। यह भारत की सबसे लोकप्रिय क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी है, जो ट्रांस यूनियन (TransUnion) की भारतीय शाखा है। इसके अलावा, अन्य कंपनियां जैसे Experian, Equifax, और HighMark भी क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (CIR) तैयार करती हैं।
- सिबिल की ताकत: भारत में 60 करोड़ लोगों और 5.25 करोड़ व्यवसायों की क्रेडिट हिस्ट्री सिबिल के पास है।
- मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट: नए नियमों के तहत, हर व्यक्ति को साल में एक बार मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट और सिबिल स्कोर ईमेल के जरिए मिलेगा।
- चार्ज: अगर आप बार-बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट देखना चाहते हैं, तो इसके लिए ₹100 का शुल्क देना पड़ सकता है।
सिबिल स्कोर कैसे बनता है?
आपका सिबिल स्कोर आपके पैन कार्ड से लिंक होता है। यह निम्नलिखित आधार पर तैयार होता है:
- क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर भुगतान।
- लोन की EMI में देरी या डिफॉल्ट।
- क्रेडिट उपयोग अनुपात (Credit Utilization Ratio): आपने कितना क्रेडिट इस्तेमाल किया।
नए नियम के फायदे और चुनौतियां
फायदे:
- लोन तक आसान पहुंच: खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां लोग क्रेडिट हिस्ट्री नहीं बनाते, अब लोन लेना आसान होगा।
- नए लोन लेने वालों के लिए राहत: पहली बार लोन लेने वालों को अब सिबिल स्कोर की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
- क्रेडिट मार्केट में वृद्धि: अधिक लोग लोन लेंगे, जिससे भारत का क्रेडिट बाजार और मजबूत होगा।
चुनौतियां:
- बैंकों का जोखिम: बिना सिबिल स्कोर के लोन देना बैंकों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
- कठिन जांच प्रक्रिया: बैंकों को अब आय, नौकरी, और अन्य वित्तीय रिकॉर्ड की गहन जांच करनी होगी।
पैरामीटर | सिबिल स्कोर के साथ | बिना सिबिल स्कोर के |
---|---|---|
लोन अप्रूवल की संभावना | स्कोर जितना ज्यादा, अप्रूवल उतना आसान | आय और अन्य रिकॉर्ड पर निर्भर |
ब्याज दर | 771-900 स्कोर पर कम ब्याज दर | ब्याज दर अधिक हो सकती है |
जांच प्रक्रिया | स्कोर के आधार पर तुरंत निर्णय | आय, नौकरी, और रिकॉर्ड की गहन जांच |
लोन राशि | ज्यादा स्कोर पर ज्यादा राशि | सीमित राशि, रिकॉर्ड के आधार पर |
उदाहरण | Bajaj Finserv: 771+ स्कोर पर आसान लोन | पहली बार लोन लेने वालों के लिए अब संभव |
निष्कर्ष: क्या यह आपके लिए सही कदम है?
सरकार का यह नया नियम उन लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो लोन लेना चाहते हैं, लेकिन सिबिल स्कोर की कमी उनके रास्ते में बाधा थी। चाहे आप होम लोन, कार लोन, या पर्सनल लोन लेना चाहते हों, अब आपके पास मौका है। लेकिन याद रखें, बैंकों को अब भी आपकी वित्तीय विश्वसनीयता की जांच करनी होगी, इसलिए अपनी आय और रिकॉर्ड को मजबूत रखें।
Call-to-Action: क्या आप लोन लेने की योजना बना रहे हैं? अपने नजदीकी बैंक या वित्तीय संस्थान से संपर्क करें और नए नियमों के तहत अपनी पात्रता जांचें। साथ ही, इस लेख को पढ़ने के बाद अपनी राय कमेंट में जरूर साझा करें। क्या यह नियम आपके लिए फायदेमंद है? हमें बताएं!
What Is CIBIL Score How To Improve CIBIL Score
प्रश्न 1: क्या सिबिल स्कोर के बिना लोन मिलना पूरी तरह गारंटीशुदा है? उत्तर: नहीं, सिबिल स्कोर की अनिवार्यता खत्म होने का मतलब यह नहीं कि लोन 100% मिलेगा। बैंक आपकी आय, नौकरी, और पिछले वित्तीय रिकॉर्ड की जांच करेंगे।
प्रश्न 2: क्या सभी प्रकार के लोन पर यह नियम लागू होगा? उत्तर: हां, यह नियम होम लोन, कार लोन, टू-व्हीलर लोन, और पर्सनल लोन जैसे सभी लोन पर लागू है।
प्रश्न 3: सिबिल स्कोर की जगह बैंक अब क्या जांचेंगे? उत्तर: बैंक आपकी मासिक आय, नौकरी की स्थिरता, पिछले लोन का रिकॉर्ड, और EMI भुगतान की आदतों को जांचेंगे।
प्रश्न 4: क्या पहली बार लोन लेने वालों को फायदा होगा? उत्तर: हां, पहली बार लोन लेने वालों के लिए यह नियम बहुत फायदेमंद है, क्योंकि अब सिबिल स्कोर की जरूरत नहीं होगी।
प्रश्न 5: सिबिल स्कोर कैसे चेक करें? उत्तर: आप सिबिल, Experian, या Equifax की वेबसाइट पर जाकर अपना स्कोर चेक कर सकते हैं। साल में एक बार मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट भी मिलती है।
प्रश्न 6: क्या कम सिबिल स्कोर पर ब्याज दर ज्यादा होगी? उत्तर: हां, अगर आपका स्कोर कम है, तो बैंक अधिक ब्याज दर वसूल सकते हैं, क्योंकि जोखिम ज्यादा होता है।
प्रश्न 7: क्या यह नियम ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी लागू है? उत्तर: हां, यह नियम पूरे भारत में लागू है, और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां क्रेडिट हिस्ट्री कम होती है, यह बहुत मददगार होगा।
No CIBIL Score Required for Loans: Government’s Game-Changing Announcement
1. सरकार के नए नियम के अनुसार लोन लेने के लिए अब किसकी अनिवार्यता खत्म कर दी गई है?
2. सिबिल स्कोर कितने अंकों के बीच होता है?
3. अगर किसी का सिबिल स्कोर 771-900 है तो बैंक आमतौर पर क्या पेशकश करते हैं?
4. RBI और सरकार के नए नियम के तहत, अगर किसी का सिबिल स्कोर नहीं है, तो बैंक क्या करेंगे?
5. सिबिल स्कोर किससे जुड़ा होता है?
6. भारत में CIBIL के अलावा और कौन-सी कंपनियां क्रेडिट रिपोर्ट देती हैं?
7. नए नियम से किस वर्ग के लोग सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे?
8. कम सिबिल स्कोर (जैसे 600 से कम) वालों को किस चुनौती का सामना करना पड़ सकता है?
9. हर व्यक्ति को साल में एक बार मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट कहां से मिल सकती है?
10. बैंकों को बिना सिबिल स्कोर के लोन देने के लिए कौन-सी अतिरिक्त जांच करनी होगी?
वित्तीय अस्वीकरण:
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। लोन लेने से पहले हमेशा अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।
कृपया अपनी राय साझा करें: इस लेख को पढ़ने के बाद आपके क्या विचार हैं? क्या यह नया नियम आपके लिए उपयोगी है? कमेंट में जरूर बताएं!
SOURCE:- CNBC TV 18
ABOUT THE AUTHOR
Robin Singh is a personal finance enthusiast with 5 years of experience in stock markets, loans, and insurance. Through Robin Talks Finance, he shares practical tips to help Indians make informed financial decisions. His insights come from hands-on experience and research from trusted sources like SEBI and RBI. Disclaimer: This content is for informational purposes only, not financial advice. Contact: inquiryrobinsingh@gmail.com
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